चलो आज साल भर पीछे जाते हैं। क्या खोया है क्या पाया है हम आज हिसाब लगाते हैं। कुछ पराये अपने से लगे कितने ही अपने गैर हो गए। जो साया बन साथ रहते थे जाने कहाँ अंधेरों में खो गए।

किसी ने यकीन तोडा किसी ने दिल दुखाया। किसी ने कर के प्यारी-प्यारी बातें हम को सच मए खूब हसाया। कुछ चोट भी खायी हमने आंसू भी बहाये। कुछ खुशियां भी मिली जिनको पा कर हम मुस्कुराये।

कुछ ऐसा भी हुआ जो होना मुमकिन ना था। प्यार उनसे भी मिला जिनके सीने में दिल ना था। गिरते रहे सँभालते रहे राह-ए-जिन्दगी पर चलते रहे। कभी खामोश रह कर उनको जलाया कभी उनके इन्तजार में जलते रहे।

कभी तन्हा रहे महफ़िल में कभी तन्हाई को महफ़िल बना लिया। जो भी दिल में आया उसको शायरी बना लिए। बहुत कुछ पूरा न हो पाया जो करना था इस साल में। खैर जो है अच्छा है खुश हैं हम अपने हाल में।

ー Priyank Sharma.